
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया उसे बड़े डिफाल्टरों की सूची सौंपे. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनाें में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर बैड लोन का दबाव होने को देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह बताने वाली खबरें मीडिया में प्रमुखता से छपी हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों के पास बड़े लोन लेने वाले डिफाॅल्टर हैं और वे लोन नहीं चुकता कर रहे हैं. बैंक इस कारण अपने एनपीए को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं.
इस मामले में रिजर्व बैंक व वित्तमंत्रालय ने भी अपनी चिंताएं प्रकट की हैं और बैंकों को इस दिशा में आवश्यक पहल कर सुधार लाने का निर्देश दिया है. बैंकिंग सेक्टर पर बैड लोन का दबाव होने के कारण उनकी माली हालत बिगड़ी है व शेयर मूल्य हाल के महीनों में नीचले स्तर पर पहुंच गया है.
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