रविवार, 20 मई 2012

क्लीन डीए के मुद्दे पर बंटे कालीन निर्यातक- amar ujala

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क्लीन डीए के मुद्दे पर बंटे कालीन निर्यातक
Story Update : Sunday, May 13, 2012 1:09 AM
भदोही। कालीन निर्यातकों की वर्षों से चली आ रही क्लीन डीए कालीन निर्यात पर भारत सरकार ने कंडीशन लगा दिया है। हालांकि यह कंडीशन भी कालीन निर्यातकों को अमान्य है। उनका कहना है कि क्लीन डीए पर प्रतिबंध से कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है। शनिवार को भारी गहमा गहमी के बीच घंटों विचार विमर्श के बाद तय किया गया कि सरकार क्लीन डीए पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाए। 
उधारी कालीन निर्यात भारतीय कालीन निर्यातकों पर भारी पड़ रही है। अपुष्ट आंकड़ों के अनुसार लगभग 500 करोड़ रुपये आयातकों के यहां फंसे हैं। भारतीय कालीन निर्यातकों के पास संसाधन नहीं है कि इन रुपयों के लिए तगादा कर सकें। इसी को देखते हुए तीन वर्ष पूर्व क्लीन डीए (उधारी) निर्यात पर अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने प्रतिबंध लगाने की भारत सरकार से मांग की मुहिम छेड़ी थी। हाल ही में इस मुद्दे पर कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह के नेतृत्व में कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों से मिल कर लौटे मुहिम के संयोजक, विनय कपूर ने बताया कि भारत सरकार प्रतिबंध लगाने को तैयार दिख रही है लेकिन ईसीजीसी के सहयोग से। ईसीजीसी आयातकों के साथ साथ उन्हें जिस सीमा कर माल भेजने की अनुमति देगी उतना ही माल उधारी भेजा जा सकेगा। विनय कपूर के इतना बताने पर एकमा के मानद सचिव, अब्दुल हादी ने इसे अस्वीकार्य बताकर खारिज कर दिया। इसके बाद इस मुद्दे पर काफी देर तक हंगामा होता रहा। यहां तक नौबत आ गई कि संयोजक विनय कपूर नाराज होकर बैठक छोड़ कर चले गए। हालांकि बाद में एकमाध्यक्ष श्री ओएन मिश्र, रवि पाटोदिया, अरशद वजीरी आदि के मनाने के बाद वे लौटे।
कुल मिलाकर बैठक में कोई आम राय नहीं बन सकी। विनय कपूर का मानना था कि सरकार द्वारा लगाए गए कंडीशन को मान लेना उचित है। उन्होंने यह भी बताया कि मुहिम में लगी 8 दूसरी एसोसिएशन ने शर्तों को मान लिया है। जबकि मानद सचिव के अनुसार यह कंडिशन भी उद्योग के लिए घातक होगा। बैठक में सुरेंद्र बरनवाल, असलम अंसारी, राजाराम गुप्ता, हाजी शौकत अली, शिवसागर तिवारी, नसरुल्लाह अंसारी, हाजी जलील अंसारी, ओएन मिश्र बच्चा, मकसूद अंसारी, एचएन मौर्य, शमीम आलम, जयप्रकाश गुप्ता, नसरुद्दीन अंसारी, मिथिलेश सिंह, हाजी फिरोज वजीरी, हाजी शाहिद हुसैन, अब्दुल सत्तार अंसारी, अश्फाक अंसारी, सैय्याज अंसारी, राजू बोथरा आदि मौजूद रहे।
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