रविवार, 20 मई 2012

नहीं मिल सका उद्योग को जीआई का लाभ

नहीं मिल सका उद्योग को जीआई का लाभ
Apr 22, 09:20 pm
बताएं
भदोही : केन्द्र व प्रदेश सरकारों की उपेक्षा का दंश झेल रहे कालीन
उद्योग को एक बार फिर प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। उद्योग को
भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा मिलने के बाद भी स्थानीय प्रशासन के
असहयोग के कारण मानीटरिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका।
अंतर्राष्ट्रीय पहचान रखने वाला भदोही का कालीन उद्योग गुणवत्ता के कारण
विश्व पटल पर चमके इसके लिए उद्योग को भौगोलिक संकेतक के दायरे में लाने
की पहल की गई थी। इस दिशा में अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने
बढ़-चढ़कर प्रयास किया था। संघ की मेहनत तब रंग लाई जब 19 अक्टूबर 2010
को अंकटाड नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने परिक्षेत्र को भौगोलिक संकेतक
के दायरे में लाने की घोषणा करते हुए टैग भी जारी कर दिया। कालीन की
गुणवत्ता बरकरार रहे तथा जीआई टैग उन्हीं कालीन प्रतिष्ठानों को जारी
किया जाय जो मानकों की कसौटी पर खरे उतरते हों। इसलिए उत्पाद की गुणवत्ता
पर नजर रखने के लिए मानीटरिंग कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया। इसमें
एकमा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मीरजापुर मंडल के मंडलायुक्त को पदेन
अध्यक्ष बनाया जाना था, ताकि कमेटी के निर्णय पर कमिश्नर स्तर का अधिकारी
मुहर लगा सके। कमेटी का गठन तो हो गया लेकिन मंडलायुक्त ने अध्यक्ष पद
स्वीकार करने से सीधे इंकार तो नहीं किया लेकिन हीलाहवाली करते हुए मामले
को लटकाए रखा। ऐसे में टैग मिलने के बावजूद इस पर कार्य आगे नहीं बढ़
सका।
बनारसी साड़ी, लंगड़ा आम या लखनऊ के चिकन को जिस तरह आज पहचान की कोई
जरूरत नहीं है उसी तरह कालीन को ब्रांड उत्पाद बनाने की मंशा से लाया गया
भौगोलिक संकेतक प्रशासनिक उपेक्षा के चलते सिसकियां ले रहा है। एकमा के
मानद सचिव अब्दुल हादी ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकारें हमेशा कालीन
उद्योग की उपेक्षा करती रही हैं। जहां कहीं सरकारी सहयोग की बात आती है
तो प्रशासन हाथ खींच लेता है। ऐसा ही जीआई के साथ भी हुआ। मंडलायुक्त
द्वंारा कमेटी का अध्यक्ष पद संभालने में हीलाहवाली किए जाने से जीआई का
लाभ दो वषरें के बाद भी उद्योग को नहीं मिल सका।
क्या है जीआई
भौगोलिक संकेतक (जीआई) का मतलब है कि क्षेत्र विशेष के उत्पादों की
पहचान। जीआई का टैग उत्पाद पर लगने का मतलब है कि उद्योग का मान्यता देने
वाली संस्था इस बात की गारंटी देती है कि संबंधित उत्पाद क्वालिटी सहित
अन्य मानकों पर खरा उतरेगा। यह टैग केन्द्र सरकार द्वारा जारी किया जाता
है।

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें