रविवार, 20 मई 2012

इसीजीसी के माध्यम से उधार निर्यात पर बनी सहमति

भदोही: मर्यादपंट्टी स्थित एकमा सभागार में शनिवार को हुई निर्यातकों की
बैठक में क्लीन डीए का मुद्दा छाया रहा। काफी लंबी चली बहस के बाद अंत
में ईसीजीसी के माध्यम से उधार निर्यात करने पर सहमति बन गई।
पिछले दिनों कालीन निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में वस्त्र
मंत्रालय के सचिव किरन डींगरा से मिला था। इसमें क्लीन डीए (उधार माल) की
कानूनी व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की गई थी। हालांकि क्लीन डीए
समाप्त करने पर लाचारी तो जताई गई लेकिन उधार भेजे गए माल का बीमा
एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (ईसीजीसी) के माध्यम से निर्यात पर
सहमति बन गई थी। इसके तहत भेजे गए माल का भुगतान फंसने की हालत में रकम
के भुगतान की गारंटी ईसीजीसी की होगी। इसी को लेकर शनिवार को सभागार में
बैठक की गई तथा क्लीन डीए समाप्त करने को लेकर सदस्य अड़े रहे। लंबी बहस
के बाद इसीजीसी के माध्यम से निर्यात करने पर आखिरकार सहमति बन गई।
हालांकि इस दौरान निर्णय लिया गया कि निर्यातक भले ही इसीजीसी के माध्यम
से माल भेजेंगे लेकिन क्लीन डीए समाप्त करने की मांग जारी रहेगी। बैठक
दौरान सहमति को लेकर काफी गहमा गहमी रही एक बरगी लगा कि बैठक बिना नतीजे
के समाप्त हो जायेगी जब एक पदाधिकारी द्वारा समन्यवक पर टिप्पणी करने
नाराज हो गए और अपने पद से इस्तीफा देने कि बात कह कर बाहर चले गए बाद
कुछ वरिष्ट सदस्यों द्वारा उन्हें मनाया गया तब कही जाकर बैठक  कि करवाई
आगे बड  सकी
इस मसले पर गठित कमेटी के समन्वयक विनय कपूर ने बताया कि क्लीन डीए
समाप्त करने के लिए मांग जारी रहेगी लेकिन तब तक रिस्क कवर कर ईसीजीसी के
माध्यम से माल भेजने में कोई दिक्कत नहीं है। इस मौके पर एकमा अध्यक्ष
ओंकारनाथ मिश्रा, रवि पाटोदिया, उमेश गुप्ता मुन्ना, अब्दुल हादी,
शिवसागर तिवारी, हाजी शाहिद हुसैन अंसारी, हाजी जलील अंसारी, अरशद वजीरी,
एचएन मौर्या, अब्दुल सत्तार, राजाराम गुप्ता, असलम अंसारी, राजू बोथरा
सहित दर्जनों निर्यातक मौजूद रहे।

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें