रविवार, 20 मई 2012

सीएम से बढ़ाई कालीन उद्योग की संभावनाएं


भदोही: कालीन उद्योग की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता जाहिर
होने लगी है। सीएम बनने के बाद उन्होंने दूसरी बार भदोही का नाम लेते हुए
सरकारी परियोजनाओं को स्थापित करने पर जोर दिया है। सीएम जिस तरह से
कालीन उद्योग को लेकर गंभीर हैं उससे सेज के दिन भी बहुर सकते हैं।
केंद्र सरकार की स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना
राज्य सरकार की अनदेखी से एक दशक से अधिक समय से लंबित पड़ी है। वाराणसी-
भदोही के मध्य कछुआ बोझ क्षेत्र में लगभग डेढ़ हजार किसानों की ढाई सौ
एकड़ भूमि अधिग्रहित कर करोड़ों रुपये बतौर मुआवजा भुगतान करने के बावजूद
उक्त योजना अधर में लटकी हुई है। बताया जाता है कि गिने-चुनें किसान भूमि
अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। शासन-प्रशासन ने अधिग्रहित भूमि पर कब्जे
को लेकर कभी गंभीरता दिखाया ही नहीं। इससे न तो सेज का सपना साकार हो सका
न ही उद्योग को इसका लाभ मिल सका।
प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
कालीन उद्योग को लेकर बार बार भदोही का जिक्र कर रहे हैं उससे न सिर्फ
सेज के सृजित होने की संभावना बढ़ गई बल्कि कालीन उद्योग को भी राज्य
सरकार से पैकेज मिलने का उम्मीदें जताई जा रही हैं। उद्योग जगत के लोग
भदोही की ढांचागत सुविधाओं के अभाव का हमेशा रोना रोते रहे हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर का मामला राज्य सरकार से जुड़ा होने के कारण लोगों को
उम्मीद है कि सीएम भदोही के विकास के लिए कुछ करने का मन बना चुके हैं।
कहा जा रहा है कि स्थानीय विधायक अगर इसके लिए थोड़ा सा प्रयास करें तो
कालीन नगरी के दिन बहुरने में देर नहीं लगेगी।
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जल्द ही मिलेगी योजना: विधायक
भदोही के विधायक जाहिद जमाल बेग ने बताया कि उन्होंने गत मंगलवार को
मुख्यमंत्री से मिलकर भदोही से समस्याओं से अवगत कराया है। कहा कि कालीन
उद्योग के लिए विशेष सुविधाएं देने तथा इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सीएम से
चर्चा की है। कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही सरकार भदोही के विकास के लिए
कार्ययोजना की घोषणा करेगी।

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